RERA (Real Estate Regulatory Authority) का नाम आपने जरूर सुना होगा, खासकर अगर आप अपना घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। RERA का उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। यह कानून 2016 में लागू हुआ और इसके तहत हर राज्य में एक नियामक प्राधिकरण बनाया गया। आइए जानते हैं, RERA से जुड़ी उन जरूरी बातों को जो हर होमबायर को पता होनी चाहिए।
RERA क्या है?
RERA एक केंद्रीय कानून है जिसे 1 मई 2016 को भारत सरकार द्वारा लागू किया गया। यह कानून रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने, खरीदारों को उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने और डेवलपर्स को उनकी जिम्मेदारियों का पालन करने के लिए बनाया गया है।
RERA के तहत हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट और एजेंट को पंजीकरण करना अनिवार्य है। यह कानून खासतौर पर उन प्रोजेक्ट्स के लिए है जिनका एरिया 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक है, या जहां 8 या उससे अधिक यूनिट्स बनाए जा रहे हैं।
RERA से आपको क्या फायदे होते हैं?
- पारदर्शिता:
- डेवलपर्स को हर परियोजना का पूरा विवरण RERA पोर्टल पर साझा करना होता है।
- प्रोजेक्ट की मंजूरी, निर्माण की स्थिति, और पजेशन डेट की जानकारी आप ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
- समय पर पजेशन:
- अगर बिल्डर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं करता, तो खरीदार को मुआवजा मिल सकता है।
- सही निवेश:
- RERA के तहत रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स में निवेश सुरक्षित होता है।
- खरीदारों के पैसे का उपयोग सिर्फ प्रोजेक्ट निर्माण में किया जाएगा।
- स्पष्ट करार:
- खरीदार और बिल्डर के बीच एक लिखित समझौता (Agreement for Sale) होना चाहिए, जिसमें हर शर्त स्पष्ट रूप से लिखी हो।
- डिफेक्ट वारंटी:
- पजेशन के बाद 5 साल तक किसी भी स्ट्रक्चरल डिफेक्ट या गुणवत्ता से जुड़ी समस्या की जिम्मेदारी बिल्डर की होगी।
घर खरीदते समय RERA नंबर क्यों जरूरी है?
RERA नंबर एक प्रोजेक्ट के पंजीकरण की पुष्टि करता है। यह नंबर आपको प्रोजेक्ट की वैधता और विश्वसनीयता का आश्वासन देता है। अगर कोई प्रोजेक्ट RERA में रजिस्टर्ड नहीं है, तो उस पर भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है। RERA नंबर की मदद से आप निम्नलिखित जानकारियां हासिल कर सकते हैं:
- प्रोजेक्ट की स्थिति
- बिल्डर की साख
- प्रोजेक्ट की पजेशन डेट
- किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति
RERA के तहत खरीदारों के अधिकार
- समय पर जानकारी का अधिकार:
- खरीदार को प्रोजेक्ट की सभी जानकारी जैसे लेआउट, अनुमतियां और निर्माण प्रगति का विवरण मिलना चाहिए।
- मुआवजे का अधिकार:
- अगर बिल्डर पजेशन में देरी करता है, तो खरीदार मुआवजे की मांग कर सकता है।
- रद्द करने का अधिकार:
- अगर बिल्डर अनुबंध का उल्लंघन करता है, तो खरीदार प्रोजेक्ट रद्द कर सकता है और भुगतान की गई राशि वापस पा सकता है।
- वैकल्पिक समाधान का अधिकार:
- RERA के तहत खरीदार किसी भी विवाद के लिए नियामक प्राधिकरण या अपीलीय प्राधिकरण में शिकायत दर्ज करा सकता है।
RERA शिकायत कैसे दर्ज करें?
यदि आपको किसी बिल्डर के खिलाफ शिकायत दर्ज करनी हो, तो आप निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं:
- RERA पोर्टल पर जाएं: अपने राज्य के RERA पोर्टल पर विजिट करें।
- शिकायत फॉर्म भरें: अपनी समस्या का विवरण और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- शुल्क का भुगतान करें: शिकायत दर्ज करने के लिए मामूली शुल्क का भुगतान करना होता है।
- फॉलो-अप: आपको शिकायत की स्थिति पर नियमित अपडेट मिलते रहेंगे।
RERA से जुड़ी सावधानियां
- हमेशा प्रोजेक्ट का RERA नंबर चेक करें।
- प्रोजेक्ट की स्थिति और निर्माण की प्रगति को RERA पोर्टल पर जांचें।
- डेवलपर से लिखित में सभी वादे और समझौते करें।
- अनुबंध की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समझें।
निष्कर्ष
RERA ने रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और खरीदारों के लिए सुरक्षित बनाया है। घर खरीदने से पहले RERA से जुड़ी जानकारी को समझना आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। सही जानकारी और सतर्कता के साथ आप अपने सपनों का घर आसानी से पा सकते हैं।
अगर आप RERA के तहत किसी प्रोजेक्ट की जानकारी चाहते हैं या कोई सवाल है, तो अपने राज्य के RERA पोर्टल पर विजिट करें।